दिल धड़का है मेरा यहाँ दिल वहाँ उसका भी धड़का होगा मोहब्बत से कौन बच सका हमारा भी शिकारी राह पर होगा बातें कह दीं उसने यहाँ-वहाँ की असल बात ज़रूर छिपा गया होगा बेमौसम बरसात हो रही मुसलसल आँखों का बाँध किसी का तो टूटा होगा हँसा वह कुछ यूँ ज़ोर-ज़ोर से बेफिक्र कितने ग़मों को तमाचे लगा रहा होगा बस्ती बसने किसने,कब,कहाँ दी दिल की बिना बसे बेघर कोई,सामान समेट रहा होगा फुर्सत कब रही उसको,उसकी सुनने की अतीत याद कर कोई कहीं पछता रहा होगा पास बैठे बहुत,बातें बहुत सारी की दोनों ने दिलों को मिलवाना शायद याद न रहा होगा..! 🌹 🌹🌹🌹 #mनिर्झरा दिल धड़का है मेरा यहाँ दिल वहाँ उसका भी धड़का होगा मोहब्बत से कौन बच सका हमारा भी शिकारी राह पर होगा