समय की रेत फिसलती हुई जा रही है, ये उम्र अब ढलती ही जा रही है, किसे पता कब मुकाम मिल जाए, पथ पर मिले 'नेह' के साथी बिछड़ जाए। कह न पाए जो उनसे कभी, वो कभी उन्हें न कह पाए। समय की रेत फिसलती हुई, ये मेरी उम्र ढलती हुई। #समयकीरेत #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #drnehagoswami