मेरा एक ख़्वाब संभालो कोई, मेरी तरह मुझको भी चाहो कोई, खता हो तो माफ़ करो, ना हो तो कोई नया जुर्म़ दोहराओ कोई, हंस के अपना दुःख छुपाओ कोई, मेरी तरह बिना मतलब के मुस्कुराओ कोई, बंदिसो को आज़ाद करो, फिर ना शक जताओ कोई, बेमतलब की बात करो, तुम मुझसे मेरी ही बात करो, घंटों घंटों तक ठीक है, पर कभी तो कोई काम की बात करो, मेरी आना-कानी ठीक है, तुम अपनी भी सुनाओ कभी, जैसे मैं मानता हूं तेरी हर बातें, कभी मेरी भी कोई बात सुनो कोई, मेरा एक ख़्वाब संभालो कोई, मेरी तरह मुझे को भी चाहो कोई। मेरा एक ख़्वाब संभालो कोई, मेरी तरह मुझको भी चाहो कोई, खता हो तो माफ़ करो, ना हो तो कोई नया जुर्म दोहराओ कोई, हंस के अपना दुःख छुपाओ कोई, मेरी तरह बिना मतलब के मुस्कुराओ कोई, बंदिसो को आज़ाद करो,