इस सुनसान दुनिया में दुखों सी पगडंडी है। प्रेम, नफरत,द्वेष की दोनो और फसल है।। अंत में नदियों सी बाड़ है। दूसरी तरफ शमसान है।। राहगीर ...क्या तेरा अरमान है। दूसरी और शमशान है।। ©Raviraaj #दूसरी ओर शमशान है....