हे विघ्नहर्ता हे सृष्टि रचियेता तुम्हें प्रणाम । कर वंदन गणपति मनाऊँ शीश नवाऊँ। भोग मोदक तुम्हें है अति प्रिय संग में लड्डू। कृपा सदैव धरो हमारे शीश काटो कलेश। ©Rashmi Vats #GaneshChaturthi #हाइकु_कविता #GaneshChaturthi