जहाँ आरक्षण तो है पर रोजगार नहीं है। सामाजिक न्याय तो है पर आर्थिक समानता नहीं है। जनता में आक्रोश तो है पर नेता स्वीकारता नहीं है। संविधान को पूजता तो है पर मानता नहीं है। क्या यह शो तंत्र है ? यह कैसा लोकतंत्र है! नैतिकता जनहित अल्पसंख्यक की जहाँ कोई परिभाषा नहीं है। और लाभ के पद का कोई पता नहीं है। आरक्षण का कोई पुनर्निरीक्षण नहीं है। युवा चुनाव को इच्छुक नहीं है। क्या यह भय तंत्र है ? यह कैसा लोक तंत्र है ! रचनाकार :- प्रेम कुमार गौतम ©Prem Kumar #farmersprotest #democracy #Indiandemocracy