मेरी सुबहो में शुमार तेरी यादें होतीं हैं तेरे बगैर मेरी सुबह कहाँ होतीं हैं लड़ झगड़ कर तुझे रूठ जाऊं जो मैं मेरी शामें तेरे बिन बर्बाद होतीं हैं एकलव्य #sunlight