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ये जो नफरत का जहर घोल रहे है मिलकर भाषा बारूद की

ये जो नफरत का जहर घोल रहे है मिलकर 
भाषा बारूद की जो बोल रहे है मिलकर 
इनकी साजिश से तो नेहरू का चमन जलता है 
इनके कारण ही ये गाँधी का वतन जलता है 
ऐसे माहौल मे मत आग के नग्मे गाओ
अब ना तुम और ये अंगार लिखो गीतों मे 
वक्त की माँग है श्रृंगार लिखो गीतों मे
एक अरसा हुआ तुमने भी मुहब्बत की थी 
 दिल के मंदिर मे किसी तो इबादत की थी  
तुम भी एक शौख के जलवों को सहर कहते थे 
उसके बोलो पर ही गजलों की बहर कहते थे 
शाम होती थी चिरागो से पिघल जाते थे 
रात होती थी उन्ही बाहों मे ढल जाते 
जैसा तब तुमने रचा था मेरे प्यारे भाई 
आज भी वैसा ही संसार रचो गीतों मे 
वक्त की माँग है श्रृंगार लिखो गीतों मे 
वक्त की माँग है बस प्यार लिखो गीतों मे  #NojotoQuote
ये जो नफरत का जहर घोल रहे है मिलकर 
भाषा बारूद की जो बोल रहे है मिलकर 
इनकी साजिश से तो नेहरू का चमन जलता है 
इनके कारण ही ये गाँधी का वतन जलता है 
ऐसे माहौल मे मत आग के नग्मे गाओ
अब ना तुम और ये अंगार लिखो गीतों मे 
वक्त की माँग है श्रृंगार लिखो गीतों मे
एक अरसा हुआ तुमने भी मुहब्बत की थी 
 दिल के मंदिर मे किसी तो इबादत की थी  
तुम भी एक शौख के जलवों को सहर कहते थे 
उसके बोलो पर ही गजलों की बहर कहते थे 
शाम होती थी चिरागो से पिघल जाते थे 
रात होती थी उन्ही बाहों मे ढल जाते 
जैसा तब तुमने रचा था मेरे प्यारे भाई 
आज भी वैसा ही संसार रचो गीतों मे 
वक्त की माँग है श्रृंगार लिखो गीतों मे 
वक्त की माँग है बस प्यार लिखो गीतों मे  #NojotoQuote