#आत्मनिर्भरता जब भी कोई नारी आत्मनिर्भर होना चाही हर कदम पर तुमने बंदिशे लगाई करने ना दिया उसे उसके मन का हर बात पर खुद की मनमानी चलाई दूसरों को देख आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाते हो खुद पर बात आती है तो ये तुम न कर पाओगी समझाते हो जब भी स्त्री खुद के वजूद को ढूढ़ना चाही तुमने बातों ही बातों से बाण चलाई फिर बोलोगे खुद कुछ करती नहीं नारी किसी काम की नहीं लेकिन जब भी खुद के लिए कुछ करना चाही तो तुमने क्यूँ लाखों अड़चनें लगाई? जब भी कोई नारी आत्मनिर्भर होना चाही हर कदम पर तुमने बंदिशें............... ©श्रेया त्रिपाठी #Woman