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सनातन धर्म में चाय का कोई स्थान नहीं है फिर भी ये

सनातन धर्म में चाय का कोई स्थान नहीं है फिर भी ये जानते हुए कि ये एक विदेशी वस्तु है, सनातनी इसका खूब स्तेमाल करते हैं। इसका सीधा मतलब ये है कि सनातनी हिन्दू लोग संसार के किसी भी देश या देश की वस्तु में भेद भाव नहीं करते,सब को अपनेपन की भावना के साथ अपनाते हैं!

©Devrajsolanki #devrajsolanki
सनातन धर्म में चाय का कोई स्थान नहीं है फिर भी ये जानते हुए कि ये एक विदेशी वस्तु है, सनातनी इसका खूब स्तेमाल करते हैं। इसका सीधा मतलब ये है कि सनातनी हिन्दू लोग संसार के किसी भी देश या देश की वस्तु में भेद भाव नहीं करते,सब को अपनेपन की भावना के साथ अपनाते हैं!

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