वह प्यार ही क्या जो ज़िन्दगी की कसौटी पर टिक न सके, वह आशिक ही क्या जो ज़हर को अमृत में बदल न सके, गर सच्चा हो दिल तेरा भी, आशिकी के गज़ल तू दोहरा ले, तालियाँ भी बेदर्दी से भरी गज़लों के लिए ही बजाते हैं दुनियावाले।। #rztask442 #rzलेखकसमूह #restzone #YourQuoteAndMine Collaborating with G.r. Batra