भावनाओं के उमड़ते सैलाब में, रोज गोता खाते है, और कभी नम, तो कभी रूखे से ही लौट आते है। मिलते तो रोज ना जाने कितने लोग हैं, पर बहुत कम ही होते है, जो हमको समझ पाते हैं। और उस से भी कम होते हैं, जो इस दिल ❤️ में समाते हैं।। #river 🌊of #emotions🌬️ #only #Some #Understand🌸🌸🌸 & #least are those who gets🌁 #place into #Heart ♥️💮💮💮