ऐ सुकून-ऐ-जिंदगी, तू कब मिलेगी मेरी मंजिल, तू कब आयेगी मैं फिर रहा हूँ दर-बदर ऐ सफर-ऐ-तन्हाईया, तू कब जायेगी Kb........