अंधेरी सीे खिल गयी थी, ये रूप की नगरी में, जो तुम रोशनी का बहार लायी। ऐसा लगा जैसे बिरान समुंदर के किनारे, कोई हसीन जलपरी अपने कातिलाना अंदाज़ बिखरने आई।। अंधेरी सी खिल गयी थी, ये हसीनाओं की महेफिल मे, जो तुम तारो सा रोनक लायी, ऐसा लगा जैसे सुनसान रातो में, कोई अप्सरा अपने हुस्न का जलवा दिखाने आई। #ratkaafsana Collaberating with #yqdidi #midnightpoems #love #erotica #shayari