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White इक दिन तुम ने मुझ से कहा था धूप कड़ी है अपना

White इक दिन
तुम ने मुझ से कहा था
धूप कड़ी है
अपना साया साथ ही रखना
वक़्त के तरकश में जो तीर थे खुल कर बरसे हैं
ज़र्द हवा के पथरीले झोंकों से
जिस्म का पंछी घायल है
धूप का जंगल प्यास का दरिया
ऐसे में आँसू की इक इक बूँद को
इंसाँ तरसे हैं
तुम ने मुझ से कहा था
समय की बहती नद्दी में
लम्हे की पहचान भी रखना
मेरे दिल में झाँक के देखो
देखो सातों रंग का फूल खिला है
वो लम्हा जो मेरा था वो मेरा है
वक़्त के पैकाँ बे-शक तन पर आन लगे
देखो उस लम्हे से कितना गहरा रिश्ता है

©Jashvant
  एक दिन  NAZAR Sandeep Surela Mukesh Poonia Anupriya Subhash Chandra