🔯🕉🔯Good morning🔯🕉🔯💠
अन्धं तम: प्रविशन्ति येउविद्यामुपासते।
ततो भूय इव ते तमो य उ विद्यायां रता: ।।”
अर्थात् जो अविद्या रूप कर्म में ही रात-दिन लगे रहते हैं,
ब्रह्म भाव और भगवान् भाव जिनके चित में कभी आता ही नहीं,
उनके लिए कहा जा रहा है कि वे
अंधकार रूप तम में डूब जाते हैं।