मैं लम्हा नहीं ज़िंदगी हूँ… . मैं राह नहीं मंज़िल हूँ मैं धूप के बीच झाँकता बादल का टुकड़ा नहीं पूरा का पूरा आसमान हूँ मैं कोई ख्वाहिश नहीं जो पूरी हो और ख़त्म हो जाये...मैं जीवन का विस्तार हूँ, जो निरंतर चलता रहता है क्यूंकि मैं लम्हा नहीं ज़िंदगी हूँ… #poojagupta_preet