वो बडे करीब आकर दूर हुये हैं मुझसे ,, इसलिए अब किसी से नजदीकियां सहन नही होती,,,,, वहां से दर्द मिला है , जहां सुकून की उम्मीद की ,,, वादे भी आधे रहे, मुलाकातें भी आधी रही,,, कमबख्त इन्तज़ार आज भी जारी रहा,,,, सुना था , हर चीज मिल जाती है , दुआ से,, पूछती हूं रोज खुदा से ... आखिर कहां कमी रह गई ? मेरी चाहत में,,,,,,,,,? सूखे पत्तों- सी बिखरी थी मैं ,, बड़े ही प्यार से समेटा उनने ,,,, और फिर आग लगा दी.... भरोसा किया खूब मैंने ,,, दिल को समझाया खूब मैंने ,की सही क्या है,,,,? दिल ने कहा ,,,,अब बस ,, खिलौना ना बना मुझे,,,,,,,। ©Nehu Dee.kalam #lalishq