ज-जब तक ये सांसें चलेंगी य-ये वादा है मेरा हे भोलेनाथ त-तेरे नाम की ही धुनी लगेगी द-दे मुझे भी भक्ति का पाठ व-वर मांगूं मैं बस तुझसे यही न-ना छोड़ना कभी मेरा साथ काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले