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जैसे मजबूरी भरे दुनिया दारी के जबाब देने लगता हूँ

जैसे मजबूरी भरे दुनिया दारी के जबाब देने लगता हूँ
वो झूठा ही सही मुझे अहसास कराती है जैसे सब समझ गयी हो
लेकिन आँखें बंद करके रोती है,

सपने में खेलते हुए मेरे साथ सोती है
जिंदगी ना जाने क्यों इतना उलझ जाती है
और हम समझते है कि बेटियां सब समझ जाती है

 #shailesh_lodha #shailesh
जैसे मजबूरी भरे दुनिया दारी के जबाब देने लगता हूँ
वो झूठा ही सही मुझे अहसास कराती है जैसे सब समझ गयी हो
लेकिन आँखें बंद करके रोती है,

सपने में खेलते हुए मेरे साथ सोती है
जिंदगी ना जाने क्यों इतना उलझ जाती है
और हम समझते है कि बेटियां सब समझ जाती है

 #shailesh_lodha #shailesh