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अश्क थमे रहे आखों में मैं रो न पाया उनको भुला दू ग

अश्क थमे रहे आखों में मैं रो न पाया
उनको भुला दू गुन्हा हमसे हो न पाया
एक बोतल भी निकाल न पाई तन्हाइ से हमे
उनसे ज्यादा शराब का नशा हमे हो न पाया


 

अश्क थमे रहे आखों में मैं रो न पाया उनको भुला दू गुन्हा हमसे हो न पाया एक बोतल भी निकाल न पाई तन्हाइ से हमे उनसे ज्यादा शराब का नशा हमे हो न पाया  

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