पिछले कई सालो से 'जी' रहा इस आस में था सरहदों पर छिप रहा झाड़ियों और घास में था 'गोलियाँ' चल रही थी जहाँ मैं आस -पास था नज़रों से दूर थी तुम पर तेरी तश्वीर पास में था ©अनुषी का पिटारा.. #अनुषी_का_पिटारा #जवान #सरहदें