युद्ध अगर किसी देश के सिपाहियों को ही छीनता तो शायद इतना दुख नहीं होता परंतु युद्ध छीन लेता है किसी देश के नौजवान को, युद्ध छीन लेता है एक मां की बेटे को , यदि छीन लेता है एक पिता की लाठी को, युद्ध छीन लेता है हाथों में भरी चूड़ियों को, युद्ध छीन लेता है बचपन में पिता के साये को, युद्ध छीन लेता है भविष्य की रोशनी को,।। ये दो देशों का युद्ध कभी दो लोगों के बीच नहीं होता ये होता है जैसे दो ग्रहों के बीच, सर्वनाश कर देता है मानवता को।. ©Divylaxmi chandra #soullaminator #ukraine #India #Yudh #Life #Shayar #jail