मां तेरे होने से ही, मेरी तो गुलज़ार ए जिंदगी हैं। मां तेरे प्यारे आंचल से ही, मेरी तो बहार ए जिंदगी हैं।। बहुत देखी मैंने भी दुनियां, बस तेरा नाम ही सच्चा हैं। मां तेरी ममता के आगे, हर नाता हर रिश्ता कच्चा हैं।। पड़े जिस पर मातृत्व की छाया, वो ज़ग भी भूल जाएगा। मां की ममता के बिन, सारा संसार शूल नज़र आएगा।। क्या लिखूं मैं मां की ममता पर, हर शब्द फीका पड़ जाता हैं ये रंग बिरंगा संसार भी, मां के बिन सब सूना पड़ जाता हैं।। गर जिन्दगी को गुलज़ार बनाना, तो मां की आंखों में ना आसूं लाना हैं। ख़ुद की जिन्दगी से भी बढ़कर, हर एक मां पर हमें प्यार लुटाना हैं।। अपनी मां की सेवा कर, हम सबको अपनी जिंदगी गुलज़ार बनाना हैं। निभा कर अपना हर एक कर्ज़ हमें, संतान होने का फ़र्ज़ निभाना हैं।। #गुलज़ार_ए_ज़िन्दगीे_team_alfaz #new_challenge There is new challenge of poem/2 line/4 line in whatsapp group (link in bio) Today's Topic is *गुलज़ार ए ज़िन्दगीे*