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आखिरी बात क्या कही होगी सरहद पर जाते हुवे फौजी की

आखिरी बात क्या कही होगी 
सरहद पर जाते हुवे फौजी की 
माँ भी तो रोईं होगी ।

मुश्किल से वो रात गुजारी होगी 
ख्वाब ने भी आकर 
बेटे की याद दिलाई होंगी ।।

मैं भूल जाऊँ कैसे 
सरहद पर कुछ भी हो सकता है 
मेरी माँ को किसी ने 
ये बात तो बताई होंगी 

जिन्दगी से किस को प्यार नहीं होता 
पर जब मुल्क पर भी बात आई होंगी 
हम फौजीओं के नाम पर गर्व करती है माँ भारती 
मैं शहीद हुवा हूँ तो ज़रा सोचो 
माँ भारती पर भी कैसी बिबता आई होंगी 

जाहिर है मेरे अपने घर में मातम होगा 
पर सोचो जरा 
मेरी माँ का होसला भी कैसा होगा ।।

शहीद की माँ का होसला भी कैसा होगा 
पर्वत सा स्थिर और विशाल होगा 
यहीं आखिरी बात मैंने मेरी माँ से की होगी 
माँ भारती के लिये 
उसने भी अपनी सिसकियाँ पी होंगी 
उसने भी अपनी सिसकियाँ पी होंगी ।।

कवि : अनुराग कुमार मंनखड  #alone 
#फौजी #की #माँ 
#Handwara #Encounter 
dedicated to Indian Army
आखिरी बात क्या कही होगी 
सरहद पर जाते हुवे फौजी की 
माँ भी तो रोईं होगी ।

मुश्किल से वो रात गुजारी होगी 
ख्वाब ने भी आकर 
बेटे की याद दिलाई होंगी ।।

मैं भूल जाऊँ कैसे 
सरहद पर कुछ भी हो सकता है 
मेरी माँ को किसी ने 
ये बात तो बताई होंगी 

जिन्दगी से किस को प्यार नहीं होता 
पर जब मुल्क पर भी बात आई होंगी 
हम फौजीओं के नाम पर गर्व करती है माँ भारती 
मैं शहीद हुवा हूँ तो ज़रा सोचो 
माँ भारती पर भी कैसी बिबता आई होंगी 

जाहिर है मेरे अपने घर में मातम होगा 
पर सोचो जरा 
मेरी माँ का होसला भी कैसा होगा ।।

शहीद की माँ का होसला भी कैसा होगा 
पर्वत सा स्थिर और विशाल होगा 
यहीं आखिरी बात मैंने मेरी माँ से की होगी 
माँ भारती के लिये 
उसने भी अपनी सिसकियाँ पी होंगी 
उसने भी अपनी सिसकियाँ पी होंगी ।।

कवि : अनुराग कुमार मंनखड  #alone 
#फौजी #की #माँ 
#Handwara #Encounter 
dedicated to Indian Army