हिन्द में , हर बिन्द में ,सम्पूर्ण क्ष्तिज हर खण्ड में आकाश गंगा में लिपटा हुवा, रोम में हर ओम में व्यापत मगन ब्रह्मांड में, जीवन अलौकिकता को लिए जीवन परे हु मैं चला इस क्षोर को छोडकर , उस क्षोर को मैं चला ना लालसा ना विषप्यता , ना मोह हें ना गुरुतविता आकर मन का बढ गया , भावना शून्यता लिए ऊर्जा रूपांतरित होने चला. #afterdeath #afterlife #ohm #cosmos #nojoto #nojotohindi #poem #yoga #nojotohaldwani