बीता अब चौमासा भी तैयार सब वानर सेनाएं, सीता की सुधि लेने राम जी का संदेश सुनाने कौन जाये, निश्चय हुआ पवन पुत्र हनुमान ही ये काज कर पाये, बजरंग बली बना रुप विशाल सौ योजन पार किये जाये, सूक्ष्म रूप धर लंका की पहरी का कर उदार,लंका में प्रवेश लिये, लंका में सुन राम जाप विभीषण का परिचय भी पाये, अब हनुमान अशोक वाटिका में पधारे जहाँ रावण दे उलाहने, सूक्ष्म रूप में बैठ वृक्ष पर लंकेश की बात सुन नीर बहाये, जानकी माँ से मिलकर राम प्रभु की सेनानी दिखाये, किष्किंधा में है प्रभु पल पल आप ही उनको याद आये, सिया कहे हे पुत्र कहना प्रभु जल्दी आइये देख रही में राहे, आश्वासन दे माँ को वाटिका से फल खाने की इच्छा जताये, अनुमति पा फिर वो फल खूब खाये और वृक्ष समूल उखाड़े, लंकेश की सेना में हाहाकार की एक वानर को वश ना कर पाये, रावण का प्रिय पुत्र भी प्राण खोया मेघनाद अब वाटिका जाये, बजरंग बली को वश में करने ब्रह्मास्त्र का बाण चलाया, मान रखने ब्रह्मास्त्र का पवन पुत्र हाथ जोड़ शीश झुकाया, रावण के समस्त ले जाकर सब वानर कह उपहास उड़ाये, मान रखने बंधा बंधन में कपि श्रेष्ठ मुस्करा कर उनका भ्रम हटाये, सब सोचे आखिर इस राम दूत को क्या सजा दी जाये, वानर को होती हैं अपनी पूंछ प्रिय लंकेश विचार कर बताये, क्यों ना इस उद्दंडी वानर के पूछ में आग लगायी जाये, महाबली मुस्कुराकर पूंछ बढा़ते जाये सारी लंका को आग लगाये, सोने की लंका धू धू कर लपटों में जलती जाये, सिया माँ से ले आशीर्वाद फिर लौट किष्किंधा आये, मंदोतरी सोचे ये लंकेश क्या विपदा हैं लाये, वानर नहीं साधारण भय से सबके हदय कांपे। ©Priya Gour जय श्री राम 😍💞 बीता अब चौमासा भी तैयार सब वानर सेनाएं, सीता की सुधि लेने राम जी का संदेश सुनाने कौन जाये, निश्चय हुआ पवन पुत्र हनुमान ही ये काज कर पाये, बजरंग बली बना रुप विशाल सौ योजन पार किये जाये, सूक्ष्म रूप धर लंका की पहरी का कर उदार,लंका में प्रवेश लिये, लंका में सुन राम जाप विभीषण का परिचय पाये, अब हनुमान अशोक वाटिका में पधारे जहाँ रावण दे उलाहने,