मोहब्बत की है कभी सहा है मुकर्रर उसी दर्द को पिया है आँखो से बहते उन अश्कों जो बहे है याद में तेरी समझा है मेरे जज़्बातों को कभी महसूस किया खुद में उनको जिसमें सच्चाई है मेरे दिल में भरी आपसे की मोहब्बत की दिल की सुनी है कभी दिमाग़ को छोड़ , चुना है कभी दिल को जिस्म से पहले मेरे रूह को चाहा है कभी जिसमें मोहब्बत है तेरी मोहब्बत की है कभी @nainikajagat #की_है_मोहब्बत_कभी