चेहरे के पीछे मत भाग ऐ आसिफ अच्छाई तो दिल से मापा जाता है हकीकत क्या किसकी तुम क्या जानो धोकेबाज़ों से तेरा गहरा नाता है भूल जा उसे जिसे कदर नहीं तेरी यहां किरदार से नहीं लोग पैसे से जाना जाता है... पहरे के आगे अब आग है आसिफ सच्चाई तो बस शीशा दिखलाता है ज़रुरत नहीं किसी को तेरी अब चालवाज़ो के लिए अपना दिल क्यों जलता है भूल से जो तुझसे भूल हुई थी किसी को पहचानने में वहाँ हर फूल के पीछे छुपा एक कांटा है. ©Mohd Asif (Genius) #asifgenius #chehra #chehraShayri #ChehraRaaz #Chehre_me_kya_rakha_hai