कम्बख़त... एक रोग जकड़ गया था आज ही रिहा हो कर आया हूँ मत पूछिए गा कीमत क्या चुकायी रिहाई की, बस इतना जानलो, जो अनमोल था उसका मोल लगा आया हूँ कीमत मैं@वो#उसकी कीमत%