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World Ozone Day इस साल 2021 वर्ल्ड ओजोन डे की थीम 

World Ozone Day इस साल 2021 वर्ल्ड ओजोन डे की थीम है
 'मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल - 
हमें, हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना'. 
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल बहुत कुछ करता है 
जैसे- जलवायु परिवर्तन की गति को कम करना व 
ठंडे क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने में मदद करना. 
इसके साथ ही ये खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देता है

©G0V!ND DHAkAD #WorldOzoneDay 

 #worldozonelayerday


आज विश्व ओजोन दिवस है। कोरोना के चलते पिछले साल ओजोन छिद्र भरता दिखाई दिया था, जाहिर है यह पूरी दुनिया के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं था। सवाल यह है कि क्या पर्यावरण में ओजोन की भूमिका को लेकर मनुष्य सभ्यता गंभीर है?

भारत में ओजोन परत के संरक्षण हेतु 1991 में वियना कन्वेंशन पर हस्ताक्षर तथा सत्यापन किया तथा मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर ओजोन पदार्थों के संबंध में 1992 में हस्ताक्षर किए थे। भारत 1993 से ओजोन विघटनकारी पदार्थों को धीरे-धीरे बाहर करने में लगा हुआ
World Ozone Day इस साल 2021 वर्ल्ड ओजोन डे की थीम है
 'मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल - 
हमें, हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना'. 
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल बहुत कुछ करता है 
जैसे- जलवायु परिवर्तन की गति को कम करना व 
ठंडे क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने में मदद करना. 
इसके साथ ही ये खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देता है

©G0V!ND DHAkAD #WorldOzoneDay 

 #worldozonelayerday


आज विश्व ओजोन दिवस है। कोरोना के चलते पिछले साल ओजोन छिद्र भरता दिखाई दिया था, जाहिर है यह पूरी दुनिया के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं था। सवाल यह है कि क्या पर्यावरण में ओजोन की भूमिका को लेकर मनुष्य सभ्यता गंभीर है?

भारत में ओजोन परत के संरक्षण हेतु 1991 में वियना कन्वेंशन पर हस्ताक्षर तथा सत्यापन किया तथा मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर ओजोन पदार्थों के संबंध में 1992 में हस्ताक्षर किए थे। भारत 1993 से ओजोन विघटनकारी पदार्थों को धीरे-धीरे बाहर करने में लगा हुआ

#WorldOzoneDay #worldozonelayerday आज विश्व ओजोन दिवस है। कोरोना के चलते पिछले साल ओजोन छिद्र भरता दिखाई दिया था, जाहिर है यह पूरी दुनिया के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं था। सवाल यह है कि क्या पर्यावरण में ओजोन की भूमिका को लेकर मनुष्य सभ्यता गंभीर है? भारत में ओजोन परत के संरक्षण हेतु 1991 में वियना कन्वेंशन पर हस्ताक्षर तथा सत्यापन किया तथा मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर ओजोन पदार्थों के संबंध में 1992 में हस्ताक्षर किए थे। भारत 1993 से ओजोन विघटनकारी पदार्थों को धीरे-धीरे बाहर करने में लगा हुआ