आँखों से छलकती शोखियाँ ये शाम की सुर्ख़ चाय का रंग ये प्याली खुशरंग शाम की हर लब पे वक़्त आशना क्या कहें उस शाम की जज़्बा-ए-दोस्ती और ज़िंदादिली के नाम की दोस्तों! ढलते रहेंगे दिन-रात बात है ये आम सी पर रानाई, मस्तियाँ,रुबाई ना ढलेगी इस शाम की #relivingcampus#lovinglife#yqlove#yqdosti