कितनी उम्मीद से बंधे हैं यह जो रिश्ते हैं। इन उम्मीदों को तुम ना टूटने देना साथी।। मैं भले ही रहूंगा चुप मगर तुम सुन लेना। मेरे एहसास की तुम बात रख लेना साथी।। भले ही मैं चला जाऊंगा इक दिन दुनिया से। दिल को बेचैन तुम रोकर नही करना साथी।। किसको आवाज़ लगाते हो कौन हैं अपना। होता गर कोई कब का कह दिया होता साथी।। तुम चुप हो जाओ तमाशा ना बनाओ अपना। मियां कोई नही यहाँ जिसे बोलो साथी।। ΔհΜεD_ɌαZα_ΘυʀΞៜΗι #साथी #मियाँ