बेटियां.......... (कृपया पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) बेटियां..... मैंने हमेशा देखा है असीसते अपनी मांओं,दादी नानियों को भर भर कर आशीर्वाद देती हैं बहुओं को, बेटियों को पुत्रवती होने का पुत्र से सौभाग्य को जोड़ते हैं पुत्रियां जंगल की तरह स्वत: उग आती हैं