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एक जंगल में एक विशाल पर्वत था । एक दिन उस विशाल पर

एक जंगल में एक विशाल पर्वत था । एक दिन उस विशाल पर्वत ने जानवरों को देखा, जंगल को देखा और फिर खुद को देखा । उसे अपने आकार पर बहुत घमंड हुआ उसने कहा मैं सबसे शक्तिशाली हूं, मैं ही तुम्हारा ईश्वर हूँ । पर्वत की यह बातें सुनकर सभी जानवरों को बहुत गुस्सा आया ।घोड़े ने आगे बढ़कर कहा – ओ घमंडी पर्वत अपने आप पर इतना घमंड मत कर, एक क्षण में तुम्हें दौड़ कर पार कर सकता हूं, पर पर्वत पर थोड़ी ऊपर चढने के घोड़ा लड़घड़ा कर गिर गया ।
पर्वत दिल खोलकर हंसा, इसी तरह हाथी, ऊँट ,जिराफ सभी ने कोशिश की पर वे पहाड़ का कुछ बिगाड़ नहीं पाए अब सभी जानवरों को अपना दोस्त चूहा याद आया ।चूहा पर्वत के पास आया और उसने पर्वत को चुनौती दी, पर्वत ने चूहे का खूब मजाक उड़ाया । चूहे ने मुस्कुराते हुवे पर्वत में छेद बनाना प्रारंभ किया । अन्य चूहों ने भी पर्वत में छेद करना चालू कर दिया । पर्वत घबरा गया उसने सभी जानवरों से माफी मांगी । इस तरह पर्वत के घमंड को एक छोटे से चूहे ने तोड़ दिया ।कहानी से शिक्षा :- जीवन में हमे कभी भी घमंड नही करना चाहिए, क्युकी जो घमंड करते है एकदिन निश्चित ही उनके घमंड का अंत भी होता है, इसलिए हमे लोगो के साथ घमंड के बजाय विनम्र का स्वाभाव रखना चाहिए.

बड़ी सोच का बड़ा जादू एक प्रेरक

©himanshi Singh
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