क्यों देती निरंतर साथ तू परछाईं ? होना तो तुझे ही है रोज बदनाम ! वक़्त, अपने, सब तो छोर गए ! तू क्यों दे रहा साथ बनके कद्रदान ? कहीं तुझे भी तो लालसा नहीं ? बाकियों की इच्छाओं की तरह ! या हम ही है वह एक नाचीज़ ! जो वफा को ही धोका समझा ? #Shadowquote #yqbaba #yqdidi