!! कुछ ऐसा है !! कई बार सामना हुआ इन सवालों से मेरा ,... इज़ाजत हो अगर तो आज जवाबों के पिटारे खोलूँ ! दो इजाजत बिठाकर सामने तुमको कभी मैं ,... अपने इस दिल के अनकहे अरमान मैं बोलूँ !! जोग में शिव के तप किया उमा ने ,... ना देखा कभी समर्पण इनके जैसा है ! सुनो,.. तुम्हारे लिए मेरा प्यार कुछ ऐसा है !! पौ फटते ही निखरता आसमां ,... धरा का आँचल सिन्दूरी हो जाता है! वो पहली बारिश की बूंदों को देख ,... मन पपिहे का झूम सा जाता हैं!! मिट जाती है तपिश वर्षों की ,... उसी धरती का धैर्य जैसा हैं! सुनो,.. तुम्हारे लिए मेरा प्यार कुछ ऐसा है!! भाये ना मुझको हीरे और मोती ,... कि तुम जब हरी चूडियां लाओगे! फ़ीके पड़ेगें आभूषण सारे जब ,... तुम ख़ुद मुझको पहनाओगे!! भर देता है उमंग जीवन में सबके ,... ये तो उसी लाल रंग के जैसा है! सुनो,.. तुम्हारे लिए मेरा प्यार कुछ ऐसा है!! एक छोटा सा निवाला जब तुम ,... अपने हाथो से मुझको खिलाओगे! पाँच सितारा होटल किस काम का ,... जो तुम प्रेम का स्वाद चख़ाओगे! अधूरा है हर घर आँगन जिसके बिन ,... हाँ उस तुलसी के पौधे जैसा है! सुनो,.. तुमहारे लिए मेरा प्यार कुछ ऐसा है!! ख़्वाब है मेरे कुछ रंग समेटे, देखों ... खुशियाँ हर पल में ढूँढा करती हूँ! बहती है पुरवाई जब भी मैं ,... अपनी बाहों में तुझको भरती हूँ! पारस हो तुम जीवन के मेरे ,... और मन मेरा सोने के जैसा है! सुनो,.. तुुम्हारे लिए मेरा प्यार कुछ ऐसा है! ©Ritika Vijay Shrivastava #प्यार_का_एहसास #नयी_पंक्तियाँ #नयीसोच #नयीशुरुआत #लालरंग #लाल #कविता #Red