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जिंदगी उस वृक्ष की तरह हो चली हे। जो अपनी टहनियों

जिंदगी उस वृक्ष की तरह हो चली हे।
जो अपनी टहनियों को सींचने और अपनों
को सुख देने में पूरा जीवन व्यतीत कर देता है
परंतु एक दिन वही सुख पाने वाले अपने उसी को 
काटने की कोशिश करते है

©As. Poetry
  #Hope #टहनी #वृक्ष #अपने अपने ही आज गिराने का सामर्थ्य रखते है
nojotouser1148979624

As. Poetry

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#Hope #टहनी #वृक्ष #अपने अपने ही आज गिराने का सामर्थ्य रखते है

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