खुला आसमां तो सिर्फ चमकते चांद और सितारो का है, संसाधनों की जननी जमीं ही ठिकाने बना इंसानों का है। आसमां में आने जाने वालों का नामों निसां नही मिलता, उड़ने वालों को आसमां में रहने का ठिकाना ना मिलता। आसमां की बुलंदियों को चूम के जमीं पर आना होता है, इंसानों का बसेरा आसमां में नही सिर्फ जमीं पर होता है। इंसान कभी गुमान न करना आसमां की ऊंची उड़ान पर, ऊंची उड़ान भरने वाले को पर फड़फड़ाते देखे जमी पर। परिंदे भी आसमां में उची उड़ाने भर जमीं पे सांस लेते है, घमंड के आसमां में उड़ने वालों का वक्त पर काट देते है। JP lodhi 28/05/2020 #Open sky