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मैं गुलाब- तेरे दीदार को तरस गया हूं मैं रबरू ह

मैं गुलाब-

तेरे दीदार को तरस गया हूं मैं 

रबरू हो जाऊ तेरे माहताब
मुखड़े से,

इसलिए कांटों में भी निखर गया हूं मैं,

   हां मैं वही गुलाब हूं पूरे बरस 
मिलने को तरस गया हूं मैं।

©DRx AnKur RaWat
  #happyroseday🌹

happyroseday🌹 #Shayari

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