मैं मिट्टी तेरे हाथ लगी , एसा आकार दिया भाऊ था और कहानी का किस्सा मुझको किरदार दिया भाऊ! मेरे मन की बुझती लौ लेकर , जो दौड़ रहा था हाथों पर रख जलती हुई मसालों पर और हुंकार दिया भाऊ!! मैं शब्दकोश की त्रुटि भर था, गुस्सा उसकी भ्रकुटी पर था छान रहा मेरी ,रज कब से तब बाजार दिया भाऊ!! मैं मिट्टी तेरे हाथ लगी मुझको आकार दिया भाऊ!! #NOJOTO #भाऊ