कविताएं मुस्कुराती हैं,. वे कराहती भी हैं,. लयबद्ध उच्च स्वर बन कभी तो कभी अतुकांत ही, झरने सी बहती हैं ह्रदय से अश्रु बन गले को चिरती हुईं टप - टप काली स्याही जैसे,. Best YQ Hindi Quotes