ग़ुरुर ने मग़रुर कर रक्खां है पैदा नया एक फितूर कर रक्खां है जो जख़्म लुआब-ए-दहन से ठीक हो जाता बेतवज्जोही से उसे नासूर कर रक्खां है तेरे क़त्ल के चर्चे शहर भर में है मुझे इसी जुर्म ने मशहूर कर रक्खां है ऐशो - इशरत के दीवाने नौजवानों ने बुढे़ माँ-बाप को घर से दूर कर रक्खां है फ़ज़ल खुदा का जो मेरी कलम की हक़्क़ानीयत ने अना परस्तों की अना को चकनाचूर कर रक्खां है ये मुफ़लिसी एक सितम है "अख़्तर" मुझे इसी बेबसी ने माज़ूर कर रक्खां है लु'आब-ए-दहन= थूक, मुखस्राव, saliva #bestyqhindiquotes #attitude #urduhindi_poetry #shayari #life #broken #yqbaba #hindi