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तुम अपने आत्मीय स्वजन और बन्धु-बांधवों का स्नेह सम

तुम अपने आत्मीय स्वजन और बन्धु-बांधवों का स्नेह सम्बन्ध छोड़ दो और अनन्य प्रेम से मुझमें अपना मन लगाकर सम दृष्टी से पृथ्वी पर स्वच्छंद विचरण करो|

 श्री क्रिष्नाके उपदेश 
 जय श्री क्रिष्ना..

©Bharti kumari #janmashtami
तुम अपने आत्मीय स्वजन और बन्धु-बांधवों का स्नेह सम्बन्ध छोड़ दो और अनन्य प्रेम से मुझमें अपना मन लगाकर सम दृष्टी से पृथ्वी पर स्वच्छंद विचरण करो|

 श्री क्रिष्नाके उपदेश 
 जय श्री क्रिष्ना..

©Bharti kumari #janmashtami