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रात भर बेचैन रहतीं हैं कुछ आँखों को जीते जी मुक़्क़म

रात भर बेचैन रहतीं हैं
कुछ आँखों को जीते जी मुक़्क़मल नींद ग़वारा नहीं |

©Manas Subodh
  #raat ye
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Manas Subodh

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#Raat ye #Life

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