सबा से इश्क़ सभी को, क्या सुना दीए की पुकार.. जज़्ब भले गहरे चेहरें पर, ख्वाबों की ताबीर हो जैसे.. नए सवेरे के लिए बेक़रार। (सबा-मन्द हवा , ताबीर-स्वप्न का वर्णन, बताना , जज़्ब- कशिश, आकर्षण,आत्मसात) 🎀 Challenge-232 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।