न जाने क्यूं दोगले बाजी मुझे आती नहीं, इसलिए लोगो को मेरी छवि भाती नहीं। मेरे सच्चे बोल, की छवि इसीलिए लुभाती नहीं, ऐसे चमचों के बीच अगर हम जाकर बैठे हो यही बात तो उन्हें सुहाती नहीं। _ज्योति गुर्जर #दोगले_लोग