दर्द में क्यूँ जीते हो ग़मों को क्यूँ पीते हो कैसे कोई दवा करे पुराने जख़्म कहाँ अब सीते हो पुराना दर्द भुलाने को नया लिखने की आदत है नज़र न आ जाएं बेचैनियाँ कहीं तुम्हें चुप रहने की इजाज़त है... ♥️ Challenge-931 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।