तह दर तह लगा रखे हैं कुछ अनकहे से किस्से बरनी भर यादों का स्वाद कुछ कसैला सा हो रहा सदियों से वही पड़ा निश्प्राण सा तन तृप्ति पाने की चाह में अस्तितव खोजता खंडित पाषाण सा.... रश्मि वत्स ©Rashmi Vats #खंडित पाषाण #MereKhayaal