वैसे हर बात पर उसकी मिसाल देते है बात हो उसकी तो हर बार टाल देते है आपकी जिंदगी में फिर तो कुछ बचेगा नही आप हर दर्द का पन्ना निकाल देते है थे एक जवाब तुम हमको कभी मिले ही नही पूंछता है कोई सवाल टाल देते है तुमको पाने की चाह में वही शोले वाला बारहा हाँ वही सिक्का उछाल देते है तेरी गम से हैं बनी मेरी शायरी जाजिब सो अपने दर्द को हम देख-भाल देते है मेरे हर शेर में एक आग भड़कती है मियां ऐसे जज्बात कि साहिल उबाल देते है